खंती मंती

छोटे शब्द को इधर एक खेल बड़ा अच्छा लगाने लगा है । जब भी वह पापा के पास होते हैं अपने आप ही पापा को लिटाकर उनके घुटनों पर चढ़ जाते हैं ।

पापा समझ जाते हैं और खन्ती-मन्ती करने लगते हैं ।  

पापा शब्द को अपने घुटनों पर लिटाए हुए ऊपर-नीचे करते हैं । साथ ही साथ कुछ गुनगुनाते भी जाते हैं । 

खन्ती मन्ती, खेलु खिलाई
कउडी पाई, गंग बहाई 
गंगा मइया नि बारू दइ
बारू हमने भुज्जीक दइ
भुज्जीनि हमइं चबेना दो
चबेना हम घसियारक दो
घसियारनि हमका घास दइ
घास हमने गउवइ खबाई
गउवा मातानि दूधु दो 
दूधकि हमने खीरि पकाई
खीरि पूरे घर ने खाई
बाबानि खाई
दादीनि खाई
बुआनि खाई
चाचानि खाई
अम्मानि खाई
पापानि खाई
बची बचाई 
आरे धरी
कंधारे धरी 
आई मूस 
लइ गइ घूस 
बुढ्ढा - बुढिययु हटउ
पुरानी दिवार खसी 
नइ दिवार उठी 
हमारो लल्ला कित्तो ऊंचो 
इत्तोsssssss ऊंssssचो.... 

शब्द को यह गीत बहुत अच्छा लगता है । शब्द पापा से ऐसा करने और गाने के लिए बार-बार जिद करता है । खासकर जब पापा उसको पैरों से खूब ऊंचे पर उठाते हैं... 

शब्द खूब खिलखिलाकर हँसता है। 
सुनील मानव

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