समीहा अप्पो के दांत

बड़ा जिद्दी हो गया है । रोज ही कहानी सुनने की जिद करता है । आज पापा ने उसे ‘समीहा अप्पो के दांत’ वाली कहानी सुनाई ।  

‘‘समीहा और अनमता बहने हैं । अनमता छोटी है । वह समीहा को अप्पो कहती है । समीहा के दांत बड़े सुंदर हैं । एकदम मोती जैसे । वह उन्हें प्यार भी खूब करती है । सुबह-शाम अच्छे से साफ करती है । अपने फ़ेबरेट ब्रस और साँसों से खुशबू देने वाले पेस्ट से । 

एक दिन समीहा का एक दांत टूट गया । वह परेशान हो गई । घर में सभी उसे चिढ़ाने लगे । मम्मी, पापा, चाचू, दादी ... सब के सब । 
‘‘टूथफेरी आएगी, गोल्डन क्वाइन लाएगी । टूथफेरी आएगी, गोल्डन क्वाइन लाएगी ।’’  

अप्पो को उसके फ़ेबरेट कार्टून से यों चिढ़ाना अनमता को बिलकुल अच्छा न लगा ।

 उसने मन ही मन में टूथफेरी से पक्का वाला वादा ले लिया – ‘प्लीज़ टूथफेरी आ जरूर जाना ...’ 

घर के सभी लोग अपने कामों में लग गए । अनमता, अप्पो का टूटा दांत तलाशने लगी । अप्पो ने अपने दांत को एक सुंदर सी डिब्बी में रख लिया था । आखिर अनमता को वह डिब्बी दिख ही गई । 

अब क्या था ... अनमता लग गई अपने काम में । उसने अप्पो के दांत को खूब अच्छे से साफ किया । फिर एक साफ कपड़े से उसे पोछा । इसके बाद समीहा अप्पो के तकिए के नीचे रख दिया। 
किसी को भी इसका पता न चल पाया ।   

अनमता आज सोई नहीं रात भर । उसे पता था टूथफेरी आएगी । थोड़ी देर को जो सपना आया था, टूथफेरी ने उसमें भी आने का पक्का वाला वादा किया था । 

सुबह होते ही अनमता सबसे पहले अप्पो के तकिए के पास गई । अनमता की साँसें रुकी हुई थीं । उसे लग रहा था टी वी के स्लो मोशन के जैसे तकिया हट रहा था और उसकी आँखें गोल्डन हुई जा रही थीं । अरे ! यह क्या ... वहाँ वास्तव में टूथफेरी आई थी । तकिए के नीचे एक सुंदर सा गोल्डन क्वाइन रखा था । 

अनमता चिहुँक पड़ी । मारे खुशी के वह अप्पो के गले लग गई ।  

 समीहा ने अनमता को गले लगाए हुए सामने बैठी दादी की ओर देखा । दादी मुस्कुरा पड़ीं । दोनों की मुस्कुराहट ने चाचू की पोल खोल दी । वही तो टूथफेरी बने थे रात में । लेकिन अनमता की खुशी के आगे सब सब चुप रहे ।’’ 

कहानी खत्म हो गई थी लेकिन शब्द खुश नहीं थे । वह चुपचाप उठे और दूसरे कमरे में अपनी मम्मा से कहने लगे – 

‘काश मेरा भी दांत गिर जाता तो मेरे पास भी टूथफेरी आती और मेरी तकिए के नीचे गोल्ड क्वाइन रख जाती ... मम्मा मेरा दांत कब गिरेगा ...’ 

सुनील मानव

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