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मेरी पुस्तक 'गंठी भंगिनिया' की समीक्षा

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कल की एक पोस्ट में रश्मि प्रकाशन ने बेहतरीन बात कही 'अब नए लेखकों की रचनाओं को बड़े लेखकों की ओर समीक्षार्थ देखने की आवश्यकता नहीं है । फेसबुक पर सामान्य से सामान्य और बड़े से बड़ा विद्वान रचना पर अपनी सहज और तटस्थ टिप्पणी कर सकता है । आज मेरी पुस्तक 'गंठी भंगिनिया' पर आदरणीय अंजू शर्मा जी ने बेहतरीन समीक्षा प्रस्तुत की है । अंजु जी धर्म परायण महिला हैं । वामपंथी मित्रों के शब्दों में कहें तो वह 'प्रगतिशील विचारधारा' में नहीं गिनी जाएंगी । (मैंने उनको हमेशा से प्रगतिशील विचारों के साथ खड़ा पाया है) मेरी इस पुस्तक पर उनकी यह समीक्षा मुझे बहुत बल प्रदान कर रही है । आपका बहुत बहुत आभार अंजू मैम । संस्कारित प्रतिष्ठा के चकनाचूर होने की कथा है ‘गंठी भंगिनिया’ पुस्तक : गंठी भंगिनिया लेखक : सुनील मानव विधा : कथा-पटकथा प्रकाशक : अनुज्ञा बुक्स संस्करण : 2019 (प्रथम) मूल्य : रु. 200 (हार्ड बाउंड) प्रगतिशील लेखक, कथाकार व नाटककार श्री सुनील मानव की नई पुस्तक ‘गंठी भंगिनिया’ एक प्रभावशाली संस्मरण-कथा है, जिसकी मुख्यपात्र आज भी गाँव में इसी नाम से जानी है और लेखक ने अपनी