बच्चों के लिए कैसा साहित्य चाहिए ...
इधर मैं बच्चों के बीच पढ़ने को लेकर खूब बातचीत कर रहा हूं । अलग–अलग प्रकार का साहित्य भी उन्हें उपलब्ध कराने का प्रयास कर रहा हूं । बावजूद इसके बच्चे आज लिखे जा रहे बाल साहित्य को स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं । इसके बहुत से कारण हो सकते हैं । मैं अलग अलग आयुवर्ग की कक्षाओं में जाकर प्रयोग करता हूं । बच्चों के सामने उनकी आयुवर्ग के अनुरूप बाल साहित्य की किताबें रखता हूं । तमाम सारी पत्रिकाएं । तरह तरह की किताबें । बच्चे उन्हें उलट पलट कर देखते भी हैं लेकिन कुछ देर के लिए ही सही, वह लगाव इकतारा / जुगनू के प्रकाशन की पत्रिकाओं और किताबों से कर रहे हैं । ऐसा क्यों है …? कक्षा नौ के बच्चों के बीच एक दिन मैंने किताबों की खूब बातें कीं । अक्सर करता रहता हूं । कई बार बच्चे इरीटेट भी होने लगते हैं । बावजूद इसके बच्चों में पढ़ने की प्रवृत्ति बढ़ रही है, पर मैने देखा कि वह *वाइट टाइगर* जैसे उपन्यास पढ़ रहे हैं। बाल साहित्य के स्टेंडर्ड से वह स्वयं को काफी ऊपर मान रहे हैं । क्या आज के बाल साहित्यकार इस पर विचार कर रहे हैं अथवा केवल लिखने और पुरस्कृत होने के लिए ही, इतिहास में दर्ज होने के लिए ही लि