नीला दरवाजा

दुनिया की आपसदारी की कहानियां 

लोककथाएं पूरी दुनिया को आपसदारी में बांधती हैं । अलग–अलग भाषा शब्दों में टंकी हुई संवेदनाओं को, मानव से लेकर मानवेतर भावों को एक धागे में पिरोती हैं । 

एक संवेदना, एक भाव कैसे पूरी दुनिया भर में बिखरा होता है, बड़ी ही सहजता से कह जाती हैं । 

‘नीला दरवाजा’ एक ऐसी ही किताब है । यहां फिनलैंड, चेक गणराज्य, कोर्सिका (फ्रांस), अफ्रीका, एस्तोनिया, लातिन अमेरिका, नाईजीरिया और युगांडा की आठ लोककथाएं हैं । इनमें से कई पर बेहतरीन फिल्में भी बन चुकी हैं । 

यदि आपने कभी अपने घरों में दादी, नानी आदि से अपने परिवेश की कहानियां सुनी होंगी तो ये कहानियां केवल नामों को छोड़कर उन जैसी ही लगेंगी । 

गर्मियों की छुट्टियों में इससे बेहतरीन क्या कोई किताब हो सकती है आपके पूरे परिवार के लिए ... 

जरूर पढ़ें ... 

इस किताब पर विस्तृत जानकारी के लिए कमेंट बॉक्स के लिंक पर जा सकते हैं ... 

#आओकरेंकिताबोंकीबातें 
#किताबें_कुछ_कहना_चाहती_हैं 
#बच्चों_को_किताबों_का_उपहार_दें

Comments

Popular posts from this blog

आंचलिक उपन्यास की अवधारणा और मैला आंचल

भक्तिकाव्य के विरल कवि ‘नंददास’

पुस्तक : भुवनेश्वर व्यक्तित्व एवं कृतित्व संपादक : राजकुमार शर्मा विधा : संग्रह एवं विमर्श प्रकाशन : उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान, लखनऊ प्रथम संस्करण : सन् 1992 मूल्य : रु.90 (हार्ड बाउंड)